द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड में फिर एक बार हेमंत सोरेन की सरकार बन गई है। सोमवार को मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो गया। पिछली कैबिनेट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन को जगह दी गई थी लेकिन इस बार उनको बाहर कर दिया गया है। मंत्री नहीं बनने पर जब द फॉलोअप के संवादाता ने उनसे बात की और पूछा कि आपको कोई अफसोस है मन में। तो उन्होंने कहा कि अफसोस किस बात का। जब उनसे पूछा गया कि वह काफी छोटे कार्यकाल के लिए मंत्री रहे। तो इसपर बसंत सोरेन ने जवाब दिया मंत्रिपद मेरे लिए बहुत छोटा पद है। मुझे कोई अफसोस नहीं है कि मैं इस बार मंत्री नहीं बना।
जब उनसे कहा गया कि आप दुमका की जनता से क्या कहना चाहेंगे तो इसपर उन्होंने कहा कि दुमका की जनता के लिए मेरे पास शब्द नहीं है। मैं उनके लिए हमेंशा खड़ा हूँ। जो उम्मीद उन्होंने मुझसे लगाई है मैं उनको उन चीजों से कभी वंचित नहीं होने दूंगा। बसंत सोरेन दुमका से विधायक हैं। दुमका जिले से दो विधायकों को इस बार कैबिनेट में जगह नहीं मिली। एक जरमुंडी विधायक बादल पत्रलेख और दूसरे दुमका विधायक बसंत सोरेन।
बता दें कि सोमवार को हेमंत कैबिनेट का विस्तार हुआ जिसमें 11 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया। कल सुबह से चर्चा थी कि बसंत सोरेन को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है लेकिन दोपहर तक यह तस्वीर साफ हो गई थी कि बसंत सोरेन मंत्रिपद की शपथ नहीं लेने वाले हैं। इस बार तीन नये विधायकों में कैबिनेट में जगह मिली है। उनमें दीपिका पांडेय, वैद्यनाथ राम और इरफान अंसारी शामिल हैं।